फूलों की महक,
पंछियों की चहक।।
घने घने जाड़,
ऊंचे ऊंचे पहाड़।।
बादलों की गड़गड़ाहट,
बहते झरनों की आहट।।
खुला आसमान और हाथों में जाम।।
बता इस से बढ़कर कोई चाहेगा क्या।।
महबूबा का हाथों में हाथ।।
वोह हल्की बरसात।।
नज़रों का मिलना,,
चहरों का खिलना।।
गुमसुम सा शहर,,
और वोह महोबत की बात।।
बता इस से बढ़कर कोई चाहे तोह क्या।।
दोस्तों से मुलाकातें, वोह काली घनी रातें।।
खुशदिल समा, वोह महफ़िल जवां।।
स्वादिष्ट सा खाना,, वोह गाना बजाना।।
शायरों का मिलना,, वोह शब्दों का भिड़ना।।
इश्क के जज्वात और वोह पहली मुलाकात।।
बता इस से बढ़कर कोई चाहे तोह क्या।।
माँ के हाथ का खाना,, गांव की गलियों में गुनगुनाना।।
मक्की की रोटी,, वोह लस्सी का गिलास।।
माँ का दुलार,, वोह प्यार का एहसास।।
रेहड़ू, कड़ु, पलदे का स्वाद,, और ताज़े गुड़ की मिठास।।
बता इस से बढ़कर कोई चाहे भी तोह क्या।।